कॉलेज प्रबंध समिति……या तालिबान ?
आदर्श कन्या इंटर कॉलेज भीष्मनगर (भैंसा) मवाना (मेरठ) में प्रबंध समिति एवं कार्यवाहक प्रधानाचार्या रिंकी सिंह द्वारा चलाए जा रहे तालिबानी फरमान एवं छात्राओं से अवैध वसूली के संबंध में:
1. भारत सरकार के “दी राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंपलसरी एजुकेशन एक्ट, 2009” के तहत कक्षा 6 से 8 तक की छात्राओं की शिक्षा निशुल्क है और इंटर कॉलेज कोई फीस नहीं वसूल सकता जिसके उल्टा उक्त कॉलेज में छात्राओं से जबरन दान के नाम पर कक्षा 6 से 8 तक ₹2400 व कक्षा 9 और 10 की छात्राओं से ₹3600 की वसूली की जा रही है जिसे ना देने की स्थिति में छात्राओं को किताबों का वितरण भी रोक दिया जाता है और देरी की स्थिति में विलंब शुल्क भी लिया जाता है जिसकी रसीदों की प्रति साक्ष्य के रूप में उपलब्ध है, इस सब अवैध वसूली के लिए कार्यवाहक प्रधानाचार्य भी प्रबंध समिति का पूरा साथ दे रही है और छात्राओं को प्रार्थना मंच से धमका के यह शुल्क जमा करने को कहती हैं।
2. जो छात्राएं स्वयं अपने साधन से या आसपास के गांव से स्वयं आ सकती हैं उनसे भी जबरन बस की फीस की उगाही की जाती है जिसकी रसीद उपलब्ध है, यह शुल्क भी कॉलेज फीस के नाम पर लिया जा रहा है।
3. अवैध शुल्क ना देने की स्थिति में छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को कॉलेज से नाम काटने की धमकी दी जाती है जिसके कारण छात्राओं की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है।
4. जो शिक्षिका छात्राओं को उनके हक के बारे में अवगत कराती है उन्हें शोषित किया जा रहा है और उनके क्लास लेने पर भी प्रतिबंद लगाया जाता है, साथ ही ऐसी शिक्षिकाओं को धमकाया भी जाता है कि अगर वह प्रबंध समिति की अवैध वसूली के खिलाफ आवाज उठाएंगे तो उनको नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
5. कुछ शिक्षिका और एक लिपिक (कमल गुप्ता) भी इस अवैध वसूली में कार्यवाहक प्रधानाचार्या (रिंकी सिंह) और प्रबंध समिति के साथ लिप्त हैं और जब एक शिक्षिका ने इस वसूली के खिलाफ आवाज उठाई उसको दबाने और डराने के लिए अविधिक तरीके से उसका परिवीक्षा काल बढ़ा दिया गया और सेवा समाप्त करने की धमकी देते हुए ₹2,50,000 की मांग भी की गयी।
6. माध्यमिक शिक्षा विभाग के कानूनों के विरुद्ध प्रबंध समिति ने अपना कार्यालय कॉलेज के प्रांगण में बना रखा है जिसमें अजब सिंह नामक व्यक्ति जो स्वयं को समिति का अध्यक्ष बताता है, वह बैठता है और जबरन नियम विरुद्ध शिक्षिकाओं की सभा भी लेता है।
7. अवैध वसूली की पोल ना खुल जाए इसलिए कॉलेज में शिक्षिकाओं के मोबाइल फोन लाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
8. कॉलेज में शिक्षिकाओं के लिए अलग से कोई शौचालय की भी व्यवस्था तक नहीं है।
9. आए दिन अजब सिंह शिक्षिकाओं के साथ बदसलूकी करता है और नौकरी से निकाल देने की धमकी देता है।
10. डीआईओएस से प्राप्त जानकारी के अनुसार कॉलेज की प्रबंध समिति काफी लंबे समय से बंद चल रही है।
11. समिति बंद होने की स्थिति में भी अध्यक्ष/प्रबंधक के कॉलेज में हस्तक्षेप स्वयं ही घोटाले की ओर इशारा करता है।
12. छात्राओं के साथ साथ नई शिक्षिकाओं से जॉइनिंग के नाम पर भी जबरन दान के नाम पर रिश्वत मांगी जाती है। जिसे ना देने की स्थिति में ज्वाइन ना कराने की धमकी दी जाती है।
इतनी सारी अनियमितता और अवैध वसूली होने के बाद भी शासन और प्रशासन की नाक के नीचे यह सब गोरख धंधा चलाना अपने आप में एक बहुत बड़ा आश्चर्य है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के कानूनों के विरुद्ध विद्यालय प्रांगण में बनाया गया प्रबंध समिति का कार्यालय।
जबरन दान लेना एक कानूनन अपराध है, जिसमें 3 साल तक की सजा हो सकती है।

डरा धमका कर दान लेना अपने आप में अवैध वसूली को दर्शाता है।

अब सोचने वाली बात यह है :
- क्या यह भी एक घोटाला है?
- क्या कॉलेज रिकॉर्ड में 30 ट्यूटर्स दर्शाए गए हैं?
- क्या 15 ट्यूटर्स का पैसा स्वयं अजब सिंह और कार्यवाहक प्रधानाचार्या रिंकी सिंह मिलकर खा रहे हैं?
- इस पत्र में क्षेत्रवासियों की गोष्टी की भी बात कही गई है।
- अब देखना यह होगा की गोष्टी के बाद इस घोटाले में और किस-किस का नाम सामने आता है?
- इसमें कौन-कौन लिप्त पाया जाएगा?
- इस भ्रष्टाचार के पीछे आखिर किसका हाथ है?
नियम अनुसार प्रबंधक विध्यालय के कार्यों में दखल नहीं दे सकते परंतु अजब सिंह की कहानी अजब सिंह की जुबानी सुनकर सब कुछ स्पष्ट हो रहा है की कथित अध्यक्ष अजब सिंह के लिए नियम और कानून कुछ नहीं है। स्वयं को वह शासन और प्रशासन से भी ऊपर समझने लगे है।
अजब सिंह के अनुसार सभी मैनेजर भ्रष्ट है और अपना हिस्सा घर पर ही लेते है, तो अब सोचने वाली बात यह है :
- क्या अजब सिंह विद्यालय में प्रतिदिन अपना हिस्सा लेने आते है?
- क्या जबरन ₹2400 व ₹3600 फीस के नाम पर कार्यवाहक प्रधानाचार्या अजब सिंह के लिए वसूली कर रही हैं?
अजब सिंह नामक व्यक्ति व कार्यवाहक प्रधानाचार्य रिंकी सिंह जो इस वीडियो में स्पष्ट नजर आ रहें है दिनभर विद्यालय परिसर के प्रबंधक कक्ष में बैठकर नए-नए षड्यंत्र करते रहते हैं।
कार्यवाहक प्रधानाचार्य रिंकी सिंह लिखे लिखाए पत्रों पर हस्ताक्षर करती रहती हैं जिनमें उन्हें यह तक नहीं पता होता कि क्या लिखा हुआ है, एक पत्र में तो यह तक लिखा हुआ है कि प्रबंधक कक्ष विद्यालय में है ही नहीं और ना ही कोई शिक्षिका इस कक्ष में एक भी मिनट बैठती है जबकि वीडियो में सब कुछ स्पष्ट समझ आ रहा है कि यहां क्या होता है। इसी प्रकार अजब सिंह नामक व्यक्ति कभी किसी शिक्षिका को बुलाकर हस्ताक्षर करवाता है कभी किसी शिक्षिका को बुलाकर हस्ताक्षर करवाता है। इस विद्यालय में छात्राओं की पढ़ाई को नजरअंदाज करते हुए दिन भर यही सिलसिला चलता रहता है।
कई बार इस बात का विरोध करने पर इस व्यक्ति के खिलाफ आवाज उठाने पर सीसीटीवी फुटेज भी मांगी गई, परंतु कार्यवाहक प्रधानाचार्य रिंकी सिंह इनके पक्ष में होते हुए इन पर कोई कार्यवाही नहीं करती हैं, और न सीसीटीवी फुटेज दी गई बल्कि दिन भर कथित अध्यक्ष अजब सिंह के साथ बैठकर यह सब षड्यंत्र करती रहती हैं।
अजब सिंह नामक व्यक्ति की तानाशाही इस हद तक बुलंद है कि यह महिला शिक्षिकाओं को तो कुछ मानता ही नहीं है और स्पष्ट रूप से धमकियां देता है कि अगर तुम पुरुष होती तो मैं तुम्हें बताता पर तुम एक महिला हो। शायद इन्हें अभी महिला शक्ति का आभास नहीं है। इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें क्योंकि नियम अनुसार प्रबंधक किसी भी प्रकार प्रबंधक कक्ष का निर्माण कर विद्यालय के प्रशासन में हस्तक्षेप नहीं कर सकता जो नियम के विरुद्ध है। जबकि यह व्यक्ति ना तो अध्यक्ष है और ना ही प्रबंधक है और जबरन विद्यालय में बैठा रहता है।
आदर्श कन्या इंटर कॉलेज भीष्मनगर (भैंसा) मवाना (मेरठ) में एक बहुत बड़ा घोटाला हो रहा है और छात्राओं के मुफ्त शिक्षा के अधिकार का हनन हो रहा है।
कार्यवाहक प्रधानाचार्या (रिंकी सिंह) व लिपिक (कमल गुप्ता) के साथ-साथ और कौन-कौन इस अवैध वसूली में अजब सिंह का साथ दे रहा है जो छात्राओं से उनका मुक्त शिक्षा का अधिकार छीन रहा है?
क्या इस सब में किसी बड़े नेता का नाम भी सामने आएगा?
This case study is totally based on the facts and evidence to expose each and every single thing | सत्यमेव जयते 🇮🇳